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सर्दियों की ठंडी सुबह का हसीन आलम ,, कम्बल छोड़ने

सर्दियों की ठंडी सुबह का हसीन आलम ,,
कम्बल छोड़ने का मन भी करता ही नहीं,,
चारो तरफ खामोशी है बिना किसी वजह के,,
मन शांत रहता है काम कुछ भी होता ही नहीं,,
पाजी हो जाता है इंसान जाड़ों के मौसम में,,
नहाना धोना भी ढंग से फिर होता ही नहीं,,,,
ये ठंड का मोसम है हाथ भी काम नहीं करते,,,
बंद पड जाती है गाडियां रस्तो के जाम नहीं खुलते,,

©Vickram
  ठंड का मौसम,,,
vickram4195

Vickram

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ठंड का मौसम,,, #शायरी

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