अपने हाथो से तेरी पलको को भींच कर ख्वाब घोलता हू मैं तुझसे अपने दिल का हाल-ए-राज़ खोलता हू तेरी रूह मेरी रूह से जुद़ा न रहे कभी बस इसलिए तुझे खुद़ा समझ कर इबादत कि तरह अपने दिल के हर जज्बात बोलता हू। #इश्क़ मुकम्मल कि #दुआ करना