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अब पूछ लो मेरा हाल भी जो ख़तम हुई है नाराज़गी तुम्हे

अब पूछ लो मेरा हाल भी
जो ख़तम हुई है नाराज़गी
तुम्हे चैन तो मिला बोहत 
मेरी ज़ात से हो कर अलग


कई फुरकाते कटी मेरी
तुम्हे याद करते करते
मेरी आँखे भी अब थक गई
तुम्हारी याद मे बहते बहते

मुझे दे चुके सज़ा बोहत
मेरी अदना सी एक गलती की
ना थी इतना भी कसूरवार मै
जितनी बढ़ी मुझे सजा मिली

©Nikhat (अलफ़ाज़ जो दिल को छू ले )
  #Kasoor  Mahi Ek Alfaaz Shayri Neel heartlessrj1297 J P Lodhi.  shashi kala mahto Lalit Saxena Mamta Tripathi -Raani Sayba, rasmi