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ग़ज़ल :- उस हँसी दिलरुबा से डरते हैं । खूबसूरत अदा

ग़ज़ल :-

उस हँसी दिलरुबा से डरते हैं ।
खूबसूरत अदा से डरते हैं ।।

प्यार आसान अब कहाँ करना ।
हुस्न की हर बला से डरते हैं ।।

वो करेगा गुनाह फिर कैसे ।
जो अभी तक दफ़ा से डरते हैं ।।

दिल की दुनिया हमें नहीं भाती ।
हर घड़ी अब सजा से डरते हैं ।।

भूलकर भी ज़फ़ा नही करते ।
यार की बददुआ से डरते हैं ।

बन न जाऊँ गुलाम फिर उनका ।
आज अपनी वफ़ा से डरते हैं ।।

मान लेते हैं बात सब उनकी ।
क्या करूँ बेलना से डरते हैं ।।

आप तो फरिश्ते जमीं के थे ।
आप नाहक खुदा से डरते हैं ।।

प्यार की तुम प्रखर कदर देखो ।
भूल में भी हुई खता से डरते हैं ।।

२७/०२/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-


उस हँसी दिलरुबा से डरते हैं ।

खूबसूरत अदा से डरते हैं ।।
ग़ज़ल :-

उस हँसी दिलरुबा से डरते हैं ।
खूबसूरत अदा से डरते हैं ।।

प्यार आसान अब कहाँ करना ।
हुस्न की हर बला से डरते हैं ।।

वो करेगा गुनाह फिर कैसे ।
जो अभी तक दफ़ा से डरते हैं ।।

दिल की दुनिया हमें नहीं भाती ।
हर घड़ी अब सजा से डरते हैं ।।

भूलकर भी ज़फ़ा नही करते ।
यार की बददुआ से डरते हैं ।

बन न जाऊँ गुलाम फिर उनका ।
आज अपनी वफ़ा से डरते हैं ।।

मान लेते हैं बात सब उनकी ।
क्या करूँ बेलना से डरते हैं ।।

आप तो फरिश्ते जमीं के थे ।
आप नाहक खुदा से डरते हैं ।।

प्यार की तुम प्रखर कदर देखो ।
भूल में भी हुई खता से डरते हैं ।।

२७/०२/२०२४    -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-


उस हँसी दिलरुबा से डरते हैं ।

खूबसूरत अदा से डरते हैं ।।

ग़ज़ल :- उस हँसी दिलरुबा से डरते हैं । खूबसूरत अदा से डरते हैं ।। #शायरी