ऐ ख़ुदा! ये तूने किस मुश्किल में ड़ाल दिया मुझे, एक मिट्टी के ढाँचे में ढ़ाल दिया मुझे, जहन्नुम से बद्तर हो गयी ज़िन्दगी मेरी, इशरत-ए-जन्नत से क्यूँ निकाल दिया मुझे ।। ©Chauhan Chirag #इशरत(आनन्द) #जन्नत #जहनुम