Black Gazal:- माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में । दूर हो जाएँ बलाएँ ईद में ।। प्यार के जिसको तरसता मैं रहा । क्या हमें वो हैं बुलाएँ ईद में ।। रात दिन अब देखता हूँ रास्ता । प्यार भी अपना जताएँ ईद में ।। मिल गया दिल को सकूँ मेरे यहाँ । देख जब वो मुस्कराएँ ईद में ।। सिर झुकाकर देख लूँ इस बार मैं । माफ़ शायद हों खताएँ ईद में ।। अब नही लब पर गिला मेरे सुनो । लौट आई हैं फ़िजाएँ ईद में ।। एक उनके दीद की खातिर प्रखर । मैं खड़ा हूँ सिर झुकाएँ ईद में ।। ११/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #eidmubarak Gazal:- माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में । दूर हो जाएँ बलाएँ ईद में ।। प्यार के जिसको तरसता मैं रहा । क्या हमें वो हैं बुलाएँ ईद में ।। रात दिन अब देखता हूँ रास्ता ।