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मिलते होंगे लोग यहां किसी शहर, किसी ठिकाने किसी वा

मिलते होंगे लोग यहां किसी शहर, किसी ठिकाने
किसी वादियों में
वो तो मुझे मेरे अंदर हीं मिलता है
मेरी जिस्म के हर कोने में महकता है
मेरी सांसों में बसता है, मेरी धड़कन
में दिल बनके धड़कता है।
जुदाई से तो वो डरे जो बाहर बाहर मिलता है
धड़कन कहां बिना जिस्म के धड़कता है।

©Pinki Singh #लव #poem #Nojoto #शायरी
मिलते होंगे लोग यहां किसी शहर, किसी ठिकाने
किसी वादियों में
वो तो मुझे मेरे अंदर हीं मिलता है
मेरी जिस्म के हर कोने में महकता है
मेरी सांसों में बसता है, मेरी धड़कन
में दिल बनके धड़कता है।
जुदाई से तो वो डरे जो बाहर बाहर मिलता है
धड़कन कहां बिना जिस्म के धड़कता है।

©Pinki Singh #लव #poem #Nojoto #शायरी