रौनक आ जाती है, देख कर गुलाब जैसे मुखड़े को। मस्ती छा जाती है, देख कर गुलाब जैसे मुखड़े को। धन्यवाद करूं हरदम तेरा, जंगल में मंगल कर डाला। दिल बागों बाग़ रहता, मीठी मीठी बातें सुनता कहता। तेरे जैसी हुर परी, घर हमें भाग्यशाली बना जाती है। रौनक आ जाती है, देख कर गुलाब जैसे मुखड़े को। मस्ती छा जाती है, देख कर गुलाब जैसे मुखड़े को। ©Sarbjit sangrurvi रौनक आ जाती है, देख कर गुलाब जैसे मुखड़े को। मस्ती छा जाती है, देख कर गुलाब जैसे मुखड़े को। धन्यवाद करूं हरदम तेरा, जंगल में मंगल कर डाला। दिल बागों बाग़ रहता, मीठी मीठी बातें सुनता कहता।