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# ना बच्चों को सभ्य माहौल दे पाते | English Shayar

ना बच्चों को सभ्य माहौल दे पाते हो, ना शौक़ जरूरत की चीज़ों को कहते हो कि हमनें कोई अपना मन नही मारा ये चीजें पाने का तुम्हारा हक था, पढ़ाई नहीं करा पाते हों,करा दो तो इतनी सी पढ़ाई से केवल मजदूरी ही की जा सकती है, अफसर बनने के लिए घर को अच्छा बनाने के लिए शांति से आगे पढ़ाई करनी होती है और जाने कितने समय तक करनी होती है इतनी समझ इतना धैर्य होगा आपमें?
बच्चे चलते फिरते दिखते है आपको तो खुद पर घमंड करते हो देखो बच्चे और परिवार पाल रहे है हम असल में वे जिंदा नहीं होते वे बस समय को देख रहे होते है कि हर तरफ से मैं घिरा हुआ हूं तू साथ दे दे वरना सांस का अब कुछ कह नहीं सकते, बच्चों को मानसिक भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है वे आप दिया करो उन्हें।
माता पिता को परमात्मा कहा जाता है लेकिन अगर बच्चो के ये दुःख आपको समझ नही आते तो आप इंसान भी नही कहलाओगे।😔🙏

जमाना और धर्म क्या कहता है, कोई कुछ भी कहता हो लेकिन हमें अपने बच्चो का अपने घरों का जीवन अच्छा करना है सब काबिल बने अपने अपने स्तर पर, जब हम एक घर अपने सभी सदस्यों को अपने दिमाग से सोचने के काबिल बनाएंगे तो जमाना और धर्म भी अपनी रीति नीति बदल लेगा। हम ही हिम्मत नही करते है तो कोई और क्या हमसे सीखेगा।
केवल electronic device चलाने को आधुनिक युग या मॉर्डन जमाना नही कहा जाएगा। जब तक घर की नारी का जीवन आसान जीने लायक नही लगेगा तब तक कुछ सही नही होगा रिश्तों में।

हम अपने घरों को सुधारे तो कोई महानुभाव कोई सरकार कोई कानून कोई समाज सेवक पैदा नहीं होंगे, हमारे घरों में हमारी बहन बेटियों के हाल खराब है उन्हें बेहतर करने का जिम्मा हम औरों को दे?हम खुद घर में भेदभाव जैसी चीजे करते है तब समाज और जमाना हमारी बेटियो के साथ करता है।
manyaparmar8573

Manya Parmar

Silver Star
New Creator

ना बच्चों को सभ्य माहौल दे पाते हो, ना शौक़ जरूरत की चीज़ों को कहते हो कि हमनें कोई अपना मन नही मारा ये चीजें पाने का तुम्हारा हक था, पढ़ाई नहीं करा पाते हों,करा दो तो इतनी सी पढ़ाई से केवल मजदूरी ही की जा सकती है, अफसर बनने के लिए घर को अच्छा बनाने के लिए शांति से आगे पढ़ाई करनी होती है और जाने कितने समय तक करनी होती है इतनी समझ इतना धैर्य होगा आपमें? बच्चे चलते फिरते दिखते है आपको तो खुद पर घमंड करते हो देखो बच्चे और परिवार पाल रहे है हम असल में वे जिंदा नहीं होते वे बस समय को देख रहे होते है कि हर तरफ से मैं घिरा हुआ हूं तू साथ दे दे वरना सांस का अब कुछ कह नहीं सकते, बच्चों को मानसिक भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है वे आप दिया करो उन्हें। माता पिता को परमात्मा कहा जाता है लेकिन अगर बच्चो के ये दुःख आपको समझ नही आते तो आप इंसान भी नही कहलाओगे।😔🙏 जमाना और धर्म क्या कहता है, कोई कुछ भी कहता हो लेकिन हमें अपने बच्चो का अपने घरों का जीवन अच्छा करना है सब काबिल बने अपने अपने स्तर पर, जब हम एक घर अपने सभी सदस्यों को अपने दिमाग से सोचने के काबिल बनाएंगे तो जमाना और धर्म भी अपनी रीति नीति बदल लेगा। हम ही हिम्मत नही करते है तो कोई और क्या हमसे सीखेगा। केवल electronic device चलाने को आधुनिक युग या मॉर्डन जमाना नही कहा जाएगा। जब तक घर की नारी का जीवन आसान जीने लायक नही लगेगा तब तक कुछ सही नही होगा रिश्तों में। हम अपने घरों को सुधारे तो कोई महानुभाव कोई सरकार कोई कानून कोई समाज सेवक पैदा नहीं होंगे, हमारे घरों में हमारी बहन बेटियों के हाल खराब है उन्हें बेहतर करने का जिम्मा हम औरों को दे?हम खुद घर में भेदभाव जैसी चीजे करते है तब समाज और जमाना हमारी बेटियो के साथ करता है। #Shayari #घरेलूहिंसा #3M #MissionMaanyMaang #मिशनमान्यमांग

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