हे परवरदिगार ....... कभी तो सुन मेरी पुकार ये आशाएं ये फरियाद आखिर कब तलक ...... क्या जी नहीं भरता सुन चीखों से तेरा सीकन आ पड़ी है माथे में थकने लगा हूं भागते भागते तेरे ही दिखाएं इन रास्तों में आखिर कब तक तरासेगा तू मुझे अगर रास्ता भटक गया हूं मैं तो वो रास्ता तू दिखा मुझे..... हे परवरदिगार कभी तो सुन मेरी पुकार ।। 📜 सत्यम 📝 हे परवरदिगार ....... कभी तो सुन मेरी पुकार..... फरियाद##