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तन्हां से तन्हाई तक कि सफ़र के बिच में कोई था था अ

तन्हां से तन्हाई तक कि सफ़र के
बिच में कोई था
था अपना सा
था दिवाना सा
फिर, ख़ामोश ओर सिर्फ खामोशी 
अदब ए मोहब्बत कि तो यही दस्तूर है ।

©Tafizul Sambalpuri
  #मोहबत  Irfan Saeed Bulandshari Vishalkumar "Vishal" Internet Jockey Yogendra Nath Yogi shamawritesBebaak