Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज मिल गयी थी वो एक झटके में हमने भी देखा तो लगा

आज मिल गयी थी वो
एक झटके में हमने भी देखा 
तो लगा वो ही तो है या फिर नही
अपनी  रफ्तार धीमी कर ली
लेकिन इस बात का अंदाज़ा
उसे भी हो ही गया था
वो आगे निकली 
नही रोक पाई खुद को
एक मुस्कुराहट और सब कह गयी
मैं पूरे रास्ते उसे सोचता रहा 
मानो कह रही थी सॉरी
आपको बुला नही पाया
आप मेरी मजबूरियां तो समझोगे न
फिर क्या था मैंने भी कह दिया
तू आज भी वही हैं मेरे लिये
वैसी ही है कोई शिकवा नही
खुश तू है न काफी है
बस यूं ही जब भी दिखना,हँस देना
मैं समझ जाऊंगा की तू ठीक है
बस यही काफी है मेरे लिये
इससे ज्यादा मेरा हक भी तो नही
तुम पर हां तुम पर

©ranjit Kumar rathour
  मेरा हक

मेरा हक #शायरी

205 Views