प्यार होने दो।। उनकी आंखों से ये आंखें चार होने दो, जी लिया तन्हा बहुत अब प्यार होने दो। एक नशा है एक बला है हर कोई इसमें जला है। इस बला से अब हमें दो चार होने दो। इश्क खुदा है इश्क रब है, कदमो में इसके ही तो सब है। कर वुज़ू हमे भी अब तैयार होने दो। है आग का दरिया ये कैसे, है मौत का जरिया ये कैसे। डूब दरिया में हमें अब पार होने दो।। इश्क खुदाया इश्क मज़हब, इश्क के ज़द में रहे सब। किसी को अपना परवरदिगार होने दो। मेरी गली या उनका छत, पड़ने लगे अब सारे मत। चुनकर हमे भी तो सरकार होने दो। दिल जला, घर है उजड़ा, है बोतल लिए कोई पड़ा, अपना भी बर्वाद अब घरबार होने दो। है ज़िन्दगी पर मौत भारी, दुनिया लगे ज्यों सौत सारी, मौत से अब ज़िन्दगी की हार होने दो। ले कलम हूँ लिख रहा, बन ग़ज़ल हूँ बिक रहा, इश्क का भी थोड़ा व्यापार होने दो। ©रजनीश "स्वछंद" प्यार होने दो।। उनकी आंखों से ये आंखें चार होने दो, जी लिया तन्हा बहुत अब प्यार होने दो। एक नशा है एक बला है हर कोई इसमें जला है। इस बला से अब हमें दो चार होने दो।