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मजबूर है मजदूर ये, करता है मज़दूरी.. भूख से रोते

मजबूर है मजदूर ये, 
करता है मज़दूरी..

भूख से रोते भूखे बच्चे,
कैसे करे सबूरी...

जुड़ा साथ है पेट ये पापी,
न करे काम की चोरी..

बस इसीलिए,
मजदूरी,
बड़ी जरूरी...

©HINDI SAHITYA SAGAR
  मजबूर है मजदूर ये, 
करता है मज़दूरी..

भूख से रोते भूखे बच्चे,
कैसे करे सबूरी...

जुड़ा साथ है पेट ये पापी,
न करे काम की चोरी..

मजबूर है मजदूर ये, करता है मज़दूरी.. भूख से रोते भूखे बच्चे, कैसे करे सबूरी... जुड़ा साथ है पेट ये पापी, न करे काम की चोरी.. #Hindi #poem #कविता #majdoor #hindisahityasagar

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