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तूफान को जरूरत नही कभी कभी एक हल्की सी लहर में कश

तूफान को जरूरत नही 
कभी कभी एक हल्की सी लहर में
कश्तियां बह जाती है
भ्रम में रह जाते है हम और
एक हल्की सी दरार से
मजबूत रिश्ते की दीवार भी ढह जाती है
चाहे जितना कस के थामे
मुट्ठी में रेत कब टिक पाती है
थामे रखते है डोर हम
खुशियां पतंगों सी जाने कहां 
आसमान में खो जाती है
जितना मर्जी सहज लो अपनेपन को
फिर भी अपनों की भीड़ में 
तन्हाईयां ही रह जाती है

©kavya soni
  #bhram #tufan #Rishta