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खुदको खो दिए थे, उन्हें खोकर कभी कमबख्त! ये दिल फ

खुदको खो दिए थे, उन्हें खोकर कभी 
कमबख्त! ये दिल फिर से इश्क करने चला है

चाहत की डोर से सांसों को बांधकर..
 ये मुसाफिर फिर से मरने चला है

©Sujeet Sharma
  #Rose #roseday #वेलेंटाइन