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शीर्षक: "दीवाली बनी तब विरहन की" "ठहरी- भटकी, मै

शीर्षक: "दीवाली बनी तब विरहन की" 

"ठहरी- भटकी, मैं विरहन सी
हूँ उर्मिला, अपने लक्ष्मण की..!!

जल प्रीत, दीप संग बैठी
चौदह बरस,विरहा उलझन सी..!!

शीर्षक: "दीवाली बनी तब विरहन की" "ठहरी- भटकी, मैं विरहन सी हूँ उर्मिला, अपने लक्ष्मण की..!! जल प्रीत, दीप संग बैठी चौदह बरस,विरहा उलझन सी..!! #Poetry #Quotes #Love #Diwali #कहानी #author #kavishala #प्यार #Shayari #ज़िन्दगी #कविता #एहसास #nojotohindi #शायरी #इश्क़ #nojotoaudio #kalakaksh #कला #संगीत #Emotionalhindiquotestatic #मेरीकलम #कलमसे #nojotomystory

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