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हर किसी की ज़िंदगी में..... ऐसा वक्त कई बार.... ज़

हर किसी की ज़िंदगी में.....
ऐसा वक्त कई बार....
ज़रूर आता ही है....

जब वो ख़ुद को .......
ख़ुद ही सम्हालने में .......
असमर्थ हो जाता है....
और उस परिस्थित में...
उन्हें अपने आस -पास....
किसी ना किसी से ......
मदद लेनी ही चाहिए....

लेकिन....
मदद करने वाले भी.....
दो प्रकार के होते हैं....

1) नेकी कर दरिया में डाल...
अर्थात् वो तुम्हारी मदद करके....
ख़ुशी का अनुभव करते हैं....
और उसके बदले में....
दोबारा तुमसे कुछ पाने की....
कोई उम्मीद भी नहीं रखते....

2)वही दूसरी ओर.....
ऐसे इंसान भी मिलेंगे.....
जो कभी तुम्हारी ज़रा सी भी...
कुछ मदद करने के नाम पर....
एक वक्त बाद....
तुमसे अपना सारा हिसाब ....
पूरा करने की कोशिश करते हैं....
भले ही तुम.....
उनके उन बातों से सहमत हो या ना हो...

इसलिए ही.....
अगर कभी ख़ुद को सभाल पाने की ....
हालत में ना भी रहो....तो भी.....

सामने वाले को पहले अच्छे ढंग से....
समझ कर ही ,उनसे कुछ मदद लेने की ..
सोचना ,
और इस तरह ख़ुद की भी मदद करना..

©Andy Mann #आत्ममंथन