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Andy Mann
हर किसी की ज़िंदगी में..... ऐसा वक्त कई बार.... ज़रूर आता ही है.... जब वो ख़ुद को ....... ख़ुद ही सम्हालने में ....... असमर्थ हो जाता है.... और उस परिस्थित में... उन्हें अपने आस -पास.... किसी ना किसी से ...... मदद लेनी ही चाहिए.... लेकिन.... मदद करने वाले भी..... दो प्रकार के होते हैं.... 1) नेकी कर दरिया में डाल... अर्थात् वो तुम्हारी मदद करके.... ख़ुशी का अनुभव करते हैं.... और उसके बदले में.... दोबारा तुमसे कुछ पाने की.... कोई उम्मीद भी नहीं रखते.... 2)वही दूसरी ओर..... ऐसे इंसान भी मिलेंगे..... जो कभी तुम्हारी ज़रा सी भी... कुछ मदद करने के नाम पर.... एक वक्त बाद.... तुमसे अपना सारा हिसाब .... पूरा करने की कोशिश करते हैं.... भले ही तुम..... उनके उन बातों से सहमत हो या ना हो... इसलिए ही..... अगर कभी ख़ुद को सभाल पाने की .... हालत में ना भी रहो....तो भी..... सामने वाले को पहले अच्छे ढंग से.... समझ कर ही ,उनसे कुछ मदद लेने की .. सोचना , और इस तरह ख़ुद की भी मदद करना.. ©Andy Mann #आत्ममंथन
Sonal Panwar
आत्ममंथन करना अपने गुणों-अवगुणों का सबसे अलग रहकर, अपनी स्वयं की पहचान को पाने का जरिया है। ©Sonal Panwar #Isolation #आत्ममंथन #self_motivation #एकांत_अच्छा_है #Quotes #Hindi #Shayari #Nojoto
अदनासा-
है व्यर्थ ही व्यक्त करना रोष स्वयं के सखा एवं शत्रु पर है व्याप्त कुछ गुण कुछ दोष किंचित स्वयं में झांका कर ©अदनासा- #हिंदी #OneSeason #गुण #दोष #आत्ममंथन #Instagram #Pinterest #Facebook #स्वयं #अदनासा
अदनासा-
बज रहा मौन का नाद मन में चल रहा प्रचंड वाद विवाद है अवश्य अबोध को बोध होगा चल रहा स्थाई महा संवाद है ©अदनासा- #हिंदी #मौन #आत्ममंथन #संवाद #CandleLight #Instagram #Pinterest #Facebook #नाद #अदनासा
R K Mishra " सूर्य "
थोड़ा सोचो आपके अंदर भाव जगाता कौन आपसे ये कविताएं आख़िर लिखवाता कौन वो कौन है जो चुपके से तसल्ली दे जाता है कुछ याद आने पर मंद मंद मुस्कुराता कौन थोडा सोचो आपके....... मां को बच्चों के भूख का पता कैसे चलता उसके दिल में स्नेह बनकर छटपटाता कौन ये आत्म मंथन और चिंतन करने वाली बात है ध्यान करने पे संकेतों में अनुमान लगाता कौन थोडा सोचो आपके........ भगवान किसी मंदिर में कभी बैठते हैं क्या जीवन में अच्छे बुरे का आभास कराता कौन बिना आध्यात्मिक बल के कल्याण संभव नहीं इस दुनियां को "सूर्य" सोचो कि चलाता कौन थोड़ा सोचो आपके....... ©R K Mishra " सूर्य " #आत्ममंथन Rama Goswami poonam atrey Puja Udeshi Babli Gurjar Ashutosh Mishra
Shree
मैं नहीं होती नाराज़! हां, इसमें कोई बड़प्पन नहीं। असल में मुझमें वो झुंझलाहट ही नहीं आती, वो खीझ नहीं जगती कि उकता जाऊं जो हो रहा है उससे, या जो नहीं हुआ उसकी वजह से। ग़लती समझ आती जहां, वहीं माफ़ी मांगी तो सबको लगता इतनी जल्दी कौन माफी मांगता है...!
विष्णुप्रिया
सेनापति, क्या इन सभी गरीबों को एक एक मुट्ठी स्वर्ण मुद्राएँ दान कर दी..?" "जी सम्राट, सबको दे दिया " (सम्राट अहांकार में बोलता हुआ) " है कोई और याचक यहाँ..., जिसे जो माँगना है, आज माँग लो " "मैं हूँ राजन, एक भिक्षुक " "बोलो भिक्षुक क्या चाहिए तुम्हें, तुम्हारा पात्र स्वर्ण से भर दूँ, या एक विशाल भवन का निर्माण करा दूँ" "नही सम्राट, मेरे लिए तो, समस्त सृष्टि का धन भी व्यर्थ ही है" "तो क्या चाहिए तुम्हें भिक्षुक..?" "यदि दे सकते हो, तो अपना अहङ्कार दे दो राजन, बोलो, क्या...दे सकते हो..अपना अहङ्कार ?" दान का अर्थ है कि, कब किसे क्या कितना दान दिया इसका स्मरण भी न रहे, यदि दान किसी लाभ के लिए किया जाता है तो दान नही व्यपार है, और यदि दान धन प्रदर्शन में किया जाता है तो, वह अहम् का पोषण करता है। #yqdidi #चैटस्टोरी #दान #अहम् #आत्ममंथन #विष्णुप्रिया
विष्णुप्रिया
सुनो शिव...!!! लोग कहते है तुम मरघट में बसते हो, वहाँ, जहाँ प्रतिपल जलती है चिताएँ.. पर मैं... स्त्री हूं ना, वहाँ जाना वर्जित है मेरा अतः आज, आज स्वयं ही कपाल क्रिया कर जला ली है अनेको चिताएँ समस्त रागो की और वैराग की भी... अन्तस के गहनतम घाट में, सुन रहे हो ना... भीतर से हर क्षण जलती महामशान हो गई हूं मैं... अब तो अवतरित होगे ना मेरे भीतर... और हाँ एक चिता और सजाई है विरह की, इसे मुखाग्नि देने तो... आ ओगे न... या इस जन्म में भी अतृप्त ही रह जाऊँगी, तुम्हारे प्रेम से..... #yqdidi #शिव #मशान
विष्णुप्रिया
कभी देखा है, जीवन के, इन सुरभि विहीन कृत्रिम पुष्पों को... इन्हे महकाने के लिए, जीवंत होना होगा सत्य के धरातल पर.. उतरना होगा अंतस की गहनतम खाई में... जहाँ पल्लवित होंगे, चेतना के नवांकुर.... सुगन्धित सुमधुर.... #yqbaba #yqdidi #हिंदीqoutes #spirituality #जीवन_का_सत्य #आत्ममंथन #विष्णुप्रिया
विष्णुप्रिया
कभी कभी ये भावनाएँ भी, थक सी जाती है... चाहती है एकान्त हो निश्चिन्त हो सोना तब इन्हे सुला मौन हो, चल देती हूं, इन उदित होती स्वर्णवर्णी रश्मियों के संग अंतस की अंतहीन यात्रा पर.... Image credit: imgur #yqbaba #yqdidi #जीवनधारा #भावनाएँ #हिंदीqoutes #आत्ममंथन #विष्णुप्रिया