हर ज़ख्म का मरहम है तू, हर नज़्म की सरगम है तू तु ही तो है दिल की लगी, हर सांस में हमदम है तू आंखों में तु, बातो में तु, चांद आसमा तारो में तू तु ही खुमार तु ही करार है बरकरारी के प्यालों में तू गुल आशिकी करता नही तू है सुकून तू है जुनून तेरे सिवा कुछ भी नही, तब्दीली राते उजालों में तू तु ही तो है खुद दिल्लगी, हरफे नबी के हवाले में तू मेरे ज़ख़्म का मरहम तू... #dharmuvach #मरहम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi