मोहब्बत की बातें करना गुनाह तो नहीं उनके सुर्ख लाल ऊंटों की सिर्फ तारीफ तो कि है ये मोहब्बत तो नहीं केसे उतर जाऊं उनके आंखों में समन्दर में गोता लगाना आता नहीं हवा में उड़ने लगी थी जुलफ उनके चांद छिप गया है कहीं ये शिकायत तो नहीं ©Tafizul Hussain Sambalpur Odisha दिल ए नादान