वैसी बात थी कि याद करने की कशिश ही रखी। मोहब्बत को निभाने की जुर्रत पास सोहबत चखी।। ऐसी बात नहीं है, मैंने कोशिश नहीं की | तुम्हें गलत सोचा भी, फिर भी न सोच पाया | क्योंकि तुम थी ही इतनी अच्छी | #love