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कमाल लगती हो तुम साड़ी में उतर कर,, पलट कर देखने क

कमाल लगती हो तुम साड़ी में उतर कर,,
पलट कर देखने को मजबूर करती हो,,
और उलझन में डाल देती हो तुम हमें
दिल फिर किसी और काम में नहीं लगता
काफी फर्क महसूस होता है खुद पर,,
आज चांद और सितारे सब मेरे पास है
पर दिल नहीं चाहता तुम्हें कोई और देखें
तूझे साड़ी में देखना मुझे कमजोर है करता

©Vickram
  क्या लगती हो,,
vickram4195

Vickram

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क्या लगती हो,, #शायरी

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