पैग़ाम-ए-मोहब्बत आपसी मतभेद को मिटाता है ये पैग़ाम-ए -मोहब्बत मज़हबी नफ़रत की दीवार को तोड़ता है ये पैग़ाम-ए-मोहब्बत,हर इंसान का दिल इंसानियत से लबरेज रहे यही है होता पैग़ाम-ए-मोहब्बत,ईश्वर,अल्लाह, जिजस,सतगुरु सब एक ही शक्ति हैं यही है सिखलाता पैग़ाम-ए-मोहब्बत,नाम भिन्न भिन्न है तो क्या हुआ अमन,चैन,शांति का प्रतीक हैं होता ये पैग़ाम-ए-मोहब्बत, त्यौहारों के नाम मज़हब से भले जुड़े हो मगर ये पहुँचाता आपसी एकता का पैग़ाम-ए-मोहब्बत,राम रहीम नाम में अंतर सही रब ने रचा इंसान एक समान इसमें क्यों करें मतभेद इंसान को परिभाषित करता ये पैग़ाम-ए-मोहब्बत मज़हबी वेद शास्त्र रीति-रिवाज भले भिन्न-भिन्न सही मगर जन चेतना की राह तो सब एक ही दिखाकर इस जन्नत सी जमीं पर ये फैलाते ये पैग़ाम-ए-मोहब्बत, रमज़ान कोरा काग़ज़ 2022 सत्ताईसवी-रचना👉पैग़ाम-ए-मोहब्बत #tarunasharma0004 #hindipoetry #trendingquotes #KKRपैग़ामएमोहब्बत #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #KKR2022 #कोराकाग़ज़