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Krish Vj
झुक गए है सजदे मेें लाखों सिर, इबादत का दौर आया है बरसेगा रहमत का ख़ज़ाना, 'रमज़ान' का मुकाम आया है साँस बहती रहे सबकी, अमन-चैन का ये त्यौहार आया है ईद की मीठास यह , मन में 'इंसानियत और प्रेम' छाया है ख़ुदा की रहमत बरसती रहें, नेक काम में लगा रहे ये दिल ज़ख्म पर मरहम बनूँ, ख़ुदा का फरमान दिल में आया है रचना क्रमांक 30 ईद की मीठास #kkr2022 #रमज़ानकोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkrईदकीमिठास #कोराकाग़ज़ #kkrkrishnavijay
Krish Vj
-:रहमत का दिन :- झुलस रहा हूँ 'ग़म' की धूप में रहमत की बारिश कर दे ख़ुदा तड़प रहा ये प्यासा मन मेरा, रहमत की बारिश कर दे ख़ुदा गुनाहगार हूँ तेरा, गुनाह बक्श दे मेरे, ए 'रहमत' के मालिक सुन ले मेरी करुण पुकार, मिटा दे ग़म का अंधेरा ए मालिक रचना क्रमांक 29 रहमत का दिन #kkr2022 #kkrkrishnavijay #kkrरहमतकादिन #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़
Krish Vj
आते जाते यूँ ज़िंदगी के सफ़र का मज़ा लीजिए ख़ुद भी हँसे और रोते हुए को भी हँसा दीजिए अच्छे कर्मों संग शुरूवात दिन की आप कीजिए हो भूल तो, माफ़ी आप दिल से माँग यूँ लीजिए मुस्कराता चेहरा रख,आप सब से मिला कीजिए दर्द जान सबका, खुशियों की दवा आप दीजिए माँ पिता की नित सेवा तन और मन से कीजिए जीवन को "ख़ुशहाल" करने का मंत्र यूँ लीजिए आते जाते यूँ ज़िंदगी के सफ़र का मज़ा लीजिए ख़ुद भी हँसे और रोते हुए को भी हँसा दीजिए रचना क्रमांक 28 आते जाते #kkr2022 #kkrkrishnavijay #kkrआतेजाते #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़
Krish Vj
दिल की धड़कन मेें यह 'एहसास' जाग आया है पैग़ाम-ए-मोहब्बत मेें, इश्क़ का 'गुलाब' आया है साँस बहती रही उसी और जहां से 'प्रेम' आया है याद में व्याकुल 'नयनों' ने 'अश्रु' सागर बहाया है पैग़ाम-ए-मोहब्बत मेें यह एहसास की 'खुशबु' है कुछ लिखा है ख़त मेें, रस्मों से ये लिपट आया है आने वाला सजन मुद्दतों से 'चांद' नज़र आया है ख़्वाहिश मुकम्मल हो, यही गीत दिल ने गाया है रचना क्रमांक :- 27 पैग़ाम-ए-मोहब्बत #kkrkrishnavijay #kkr2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #kkrपैग़ामएमोहब्बत
Krish Vj
तुम मेरे हो, इस पल में भी और आने वाले पल में भी मेरे हो जुदा है फ़िर भी दिल धड़कते दोनों के एक दूजे मेें आज भी है रचना क्रमांक :- 26 तुम मेरे हो #kkr2022 #kkrkrishnavijay #kkrतुममेरेहो #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़
Krish Vj
सादगी मेें लिपटी मुरत कमाल की तू ही है हुस्न की मल्लिका क़ायनात मेें नही है कोई तुम सा, ए मेरी बहारों की मल्लिका जिस्म मोतियों सा चमकता, रुखसार पर 'चाँद' की लाली है मुस्कान पर लाखों सूरज वार दूँ, मुंह पर 'हया' की लाली है शर्माती जैसे शाम हो चुकी, बलखाती जैसे घूम रही धरती है बहती कल-कल सरिता सी, और पवित्र गंगा की धारा सी है सीता सा जीवन है, 'राधा' बन प्रेम की स्वामिनी कहलाती है प्रेम के सागर में मिलकर, ख़ुद 'अस्तित्व' विहीन हो जाती है यूँ तो पीने का शौक नही, पर तेरी नज़र से पीने की चाहत है लाख हसीन नज़ारे जहान मेें, 'नजरों' को सिर्फ़ तेरी आदत है सुकून का संगीत निकलता है तेरी हर साँस से प्रियतमा मेरी तेरी सांसो से अपनी साँसे मिला लूँ,यही ख़ुदा की इबादत है रचना क्रमांक:- 25 हुस्न की मल्लिका #collabwithकोराकाग़ज़ #kkr2022 #kkrहुस्नकीमलिका #कोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkrkrishnavijay
Krish Vj
झूठी दुनिया है,स्वार्थ के है सब 'रिश्ते-नाते' कहने को अपने है सब, साथ कोई नही देते कभी कभी 'सच' भी 'झूठ' हो जाता है यारों झूठ के आवरण में 'सच' नज़र ही नही आते दुनिया गोल है, यह अपने मेें ही 'मशगूल' है झूठ की दीवानी है दुनिया,इसी में मशहूर है रचना क्रमांक :- 24 दुनिया झूठ की #kkr2022 #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkrkrishnavijay #kkrदुनियाझूठकी #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़
Krish Vj
-:- पैसों का शोर - :- सुनता नही कोई किसी की, हर तरफ़ पैसों का शोर है ग़रीब, बस ग़रीब ही रहा यूँ उन पर अमीरों का ज़ोर है किसी ने 'जिस्म' ख़रीदा, पैसो की 'ताक़त' का ज़ोर है किसी ने बेची इज्ज़त, 'रोटी' के लिए नसीब का फ़ेर है हर रिश्ता तार तार यूँ गुमनाम सत्य छिपा कहीं और है अमृत धरा का मोल लगा बैठे 'पैसों' के मद में यूँ चूर है हर चीज ख़रीद ने को है आतुर, स्वार्थ का चोला पहन ख़ुदा यह बन बैठा, पैसे से वर्तमान में 'चलता' प्रेम है रचना क्रमांक :-23 पैसों का शोर #collabwithकोराकाग़ज़ #kkrkrishnavijay #kkr2022 #रमज़ानकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #kkrपैसोंकाशोर
Krish Vj
माँ खुश हूँ मैं की माँ साथ है इससे ही चलती पल पल साँस है रचना क्रमांक 22 खुश हूँ मैं #collabwithकोराकाग़ज़ #kkr2022 #kkrkrishnavijay #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkrख़ुशहूँमैं #कोराकाग़ज़ #माँ
Krish Vj
कई बार मर चुका हूँ, ए 'ज़िन्दगी' यूँ मैं पल पल मर, जाता हूं एहसास संग मैं किसी की दुआ, देती है जीवन मुझे यूँ किसी का 'दिल' दुःखा मर जाता हूं मैं टुकड़े गिनना मुश्किल, यूँ दिल के मेरे फ़िर भी चलती है सांसे की ज़िंदा हूं मै चाहत अंतिम यहीं मेरी, पुरी ख़ुदा कर गोद में सिर रख माँ के अंतिम साँस लूँ मैं मोत तय मिरी जाना मुझे ख़ुदा के पास कुछ को हंसा दूँ है अंतिम यह प्रयास!! रचना क्रमांक:- 21 मोत का दिन #kkrkrishnavijay #kkrमौतकादिन #कोराकाग़ज़ #kkr2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़