Village Life बंजर वह जमीन है, थकीं थकीं धूप है। थम सा गया वह, हवा का झोंका कुछ संगीन, तो कुछ रंगीन है। निर्गतिक बना वो पल, उसमें गुमशुदा कहीं तुम, कहीं हम हैं। ©Sudha Betageri #sudha