'सफ़ाई' बड़ा ही दिल दुखाते हो जब इल्ज़ाम लाते हो क्यों शंख न निकले बजाईं घण्टी - न थाली सुनो बे अक्ल के अन्धों सफ़ाई ये है दिल वाली अक़ीदे अलहदा से हैं ना ही शंख रक्खे हैं न ही घण्टी - न घण्टे हैं महज़ एक गोल थाली थी मगर वो छेद वाली थी। #NaveenMahajan सफाई