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तेरा हाथ मेरे हाथ से ' जब से छुट गया । जमाने से मे

तेरा हाथ मेरे हाथ से ' जब से छुट गया ।
जमाने से मेरा हर रिश्ता टूट गया ॥
बात गैरो की नही यह मेरे दिल की है।
हर कोई मेरे हाल पर हंस कर 
अपना मुख मोड़ गया ॥
लोग साथ नही निभाते तन्हाई के आलम से ।
महफिलों से अब मन हमारा ऊब गया ॥
हर मोड़ पर घर का पता पूछती रही 
जिन्दगी मेरी उसी से ।
जो जीवन के अंधेरों से मेरा नाता जोड़ गया ॥

©Shakuntala Sharma
  #humantouch मेरा हाथ उसके हाथ से छुट गया ।

#humantouch मेरा हाथ उसके हाथ से छुट गया । #शायरी

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