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Unsplash कौन कहता कि मुझमें जान नहीं, खुशी में झूम

Unsplash कौन कहता कि मुझमें जान नहीं,
खुशी में झूमने का अरमान नहीं।

अरे तू थक जायेगा काटते मानव,
मैं प्रकृति से अपनी अंजान नहीं।

धरम मेरा बस देने का है उजाला,
इंसानों के जैसे मैं बेईमान नहीं।

©अनिल कसेर "उजाला"
  अरमान