तुझे खोने का मुझे गम कहां न ही पाने की कोई आस है तुम न थे कभी मेरे हमनवां न मुझे चारागर की तलाश है मंजिल मिले या कि न मिले मेरा कारवां तो निकल गया शिकवा कोई न किसी से किया न ही दिल मेरा उदास है ©संजय श्रीवास्तव #WoSadak