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sanjay6931927865340
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संजय श्रीवास्तव

मुझसे मिलोगे तो दिल में उतर जाऊंगा

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संजय श्रीवास्तव

White 
कोई सरकार इस गरीब की खातिर तो बनाईये
इन बेटियो को उनका  अब हक तो दिलाईये


औरों के लिये उम्र भर- जो तपती रही हैं 
मासूमियत और बचपन को -हुजूर  बचाईये


बेटी बचाओ नारे से -बेटी तो बच जायेगी 
उसके नन्हे हाथों से -गुटका तो न बिकवाईये


अभी जिंदगी में उसके  तो जद्दोजहद बहुत है
तपती हुई  इस धूप में  उसको न जलाईये


वो हारती नही हैं पर  ऐसा भी तो न कीजिये
संजय अभी तो उसको किसी स्कूल में पढ़ाईये

©संजय श्रीवास्तव #sad_quotes
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संजय श्रीवास्तव

White 
राह में चलना  दुश्वार नही था
नजर में उनका  इंतजार नही था

ढूंढ ली है  एक अनजान बस्ती 
जहां इश्क का कारोबार नही था

पलट कर उसने देखा भी  नही 
फिर मुहब्बत का इजहार नही था

रात  गुजरी मेरी र्उसके पहलू में
शायद खुद पर इख्तियार नही था

तोड़ दिया वादा किसी मजबूरी में
 संजय क्या उस पर एतबार नहीं था

©संजय श्रीवास्तव #Sad_Status
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संजय श्रीवास्तव

White 
जब भी मौसम सुहाने आते है
याद फिर गुजरे जमाने आते हैं

तोड़कर बंदिशे सब मैरे हमदम
जाने क्या करके बहाने आते हैं

चा्ंद छुप जा तू बादलों में कहीं
हमसे मुहब्बत वो जताने आते हैं

शौक था आग लगाने का जिनको
वही अब आग बुझाने आते है

मुसलसल साथ तो देता संजय
जब भी आते है दिल दुखाने आते है

©संजय श्रीवास्तव #lonely_quotes
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संजय श्रीवास्तव

White तेरे दिल मे भी तो इश्के गुबार जैसा है
मुझको जो दिखता हे वो प्यार जैसा है

लाख करती है नजरअंदाज तेरी नजरें
फिर भी लगता है कुछ इकरार जैसा है

चंद लफ्जों में समेट लेता हूँ जो तुमको
बस यही तो चाहत के इजहार जैसा है

उसकी नजदीकियां भिगो देती मुझको
मौसमें बारिश में  कुछ फुहार जैसा है

ऐसी दीवानगी कभी अच्छी नही होती
कहते हैं संजय भी अब बीमार जैसा है

©संजय श्रीवास्तव #Emotional
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संजय श्रीवास्तव

White 
तेरी हथेली पर वो नाम किसका था
मेरी डायरी में खत बेनाम किसका था


एक मुद्दत से हमने उनसे राब्ता नही रखा
सर पर मुहब्बत का इल्जाम किसका था


किया तगाफुल हमेशा जो महफिल में
छोड़ गया जो आखिरी जाम किसका था


सफर में मिला था औरों से कुछ अलग 
किया नजरों से जो कत्लेआम किसका था


हम भी पागल सोचते ही सोचते रह गये
कह कर गया जो संजय पयाम किसका था

©संजय श्रीवास्तव #GoodMorning
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संजय श्रीवास्तव

White 
गैर होकर भी अधिकार जताते तो हैं न
है उनको भी मुझसे प्यार बताते तो है न


पुछ लेंगे हम भी हाल औरों की ही तरह
दिल क्यूं इतना बेकरार मुस्कराते तो हैं न


जुदा होकर भी नही कोई शिकायत उनसे
उनके कूचे में अब भी बहार आते तो हैं न


अब मुहब्बत है तो है उनसे छुपाना, कैसा
वो नही करते है पर इजहार दिखाते तो हैं न


भूल कर भी तुम उन्हे भूल नही पाये संजय
गुजारे साथ में जो दिन दो चार सताते तो हैं न

©संजय श्रीवास्तव #Road
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संजय श्रीवास्तव

यूं अकेले में तुम मुस्कराते क्यों हो इतना
 जख्म सीने में तुम छिपाते क्यों हो इतना

छुप गया है चांद इन बादलों में कहीं  पर
छत पर फिर भी तुम जाते क्यों हो इतना

जिंदगी ने तो दस्तक -- दिया था मुसलसल
गलतियों पर अपने पछताते क्यों हो इतना

चाहने से किसी को --मिल जाता नहीं कोई
आरजू दिल में उसकी जगाते क्यों हो इतना

 दिल्लगी इतनी अच्छी --- होती नही संजय
 ख्वाबों को तुम पर ---लगाते क्यों हो इतना

©संजय श्रीवास्तव #sadak
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संजय श्रीवास्तव

प्रेयसी के व्याकुल नयन तकते हैं चहुंओर
किस निर्मोही के प्रेम में बंधी प्रीत की डोर
पलकों से टपक रही अविरल अश्रु की धार 
देख छवि सम्मुख हुई फिर गोरी भावविभोर

©संजय श्रीवास्तव #GateLight
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संजय श्रीवास्तव

शहर की आबोहवा इतनी बदनाम क्यों है
रिश्तों में जहर की कड़वाहट आम क्यों है

जी रहे है सभी अकेलेपन का बोझ लेकर
सिमटकर हुआ आदमी अब गुमनाम क्यों है

शरीफों की तरह गर रहते सब इस मुल्क में
फिर औरतों की इज्जत होती नीलाम क्यों है

उसको जम्हूरियत ने बिठाया जब गद्दी पर
उसके फैसलों से फिर मचा कोहराम क्यों है

दफ्न कर दिया जब गुजरी जिंदगी को संजय
जुबां पर अक्सर आता उसका ही नाम क्यों है

©संजय श्रीवास्तव #GateLight
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संजय श्रीवास्तव

मुझको उनसे कोई शिकायत नहीं
क्या हुआ जो उनको मुहब्बत नहीं

बेवफा निकला घर का आईना भी
उसके जैसी शायद मेरी सूरत नहीं

मुझसे मिलता है कुछ तग़ाफ़ुल सा
लगता है अब मेरे लिये फुर्सत नहीं

गैर की बांहों में किसी की जान रहे
ऐसी जिंदगी की मुझे  जरुरत नहीं

इश्क मुकम्मल हो या कि न हो संजय
इंतजार की अब मेरी भी आदत नही

©संजय श्रीवास्तव #mobileaddict
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