सोचता हूँ! इजहारे-इश्क कर दूं तुझसे चार दिन की जिन्दगानी है, मौत-ए-समक्ष इकरार कर दूं... ©Patel Rohit #सोचता #हूँ! #इजहारे- #इश्क कर दूं #तुझसे #चार #दिन की जिन्दगानी है, #मौत-ए-#समक्ष #इकरार कर दूं... ©Patel Rohit