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Pankaj

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Patel_ki_Kalam

#सोचता #हूँ! #इजहारे- #इश्क कर दूं #तुझसे #चार #दिन की जिन्दगानी है, #मौत-ए-#समक्ष #इकरार कर दूं... ©Patel Rohit #शायरी

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सोचता हूँ! इजहारे-इश्क कर दूं तुझसे
चार दिन की जिन्दगानी है, 
मौत-ए-समक्ष इकरार कर दूं...
          ©Patel Rohit #सोचता #हूँ! #इजहारे- #इश्क कर दूं #तुझसे
#चार #दिन की जिन्दगानी है, 
#मौत-ए-#समक्ष #इकरार कर दूं...
          ©Patel Rohit

Di Pi Ka

#I_Hate_Ravan

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The evil quotes  सीता का कुल की रक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा पार करना,
समाज के समक्ष अपने पवित्रता के लिए अग्नि परीक्षा देना,
राज्य के हित के लिए रामराज्य का त्याग,
ये बताता है,
एक पर पुरुष यदि एक पर स्त्री को हाथ भी लगा देता है तो फिर चाहे अगर स्त्री कितनी भी अग्नि परीक्षा दे ले उसे संदेह की दृष्टि से देखा जाता,
क्या एक स्त्री इतनी कमजोर होती है की अपने सतीत्व की रक्षा स्वं नहीं कर सकती?
क्या उसके अंदर इतनी क्षमता नहीं होती की अपने समक्ष किसी भी पुरुष को मर्यादा में रख सके?
मैं सिर्फ इतना कहना चाहुंगी जिनके लिए श्री राम ने आजीवन मर्यादा में रहने का वचन दे दिया,
उस सीता के सामने रावण का मर्यादा में रहना उचित था,
रावण ने कई प्रत्यंचा की सीता का पतिव्रता भंग करने की,
सीता के समक्ष रावण की एक ना चली,
राम का भी रुप लिया रावण,
पर सिया वर राम का रूप धारण करते ही सीता मां रूप में प्रकट हुई रावण भी बालक बना क्षणभर में,
फिर भी लोग दुहाई देते सीता की पवित्रता मे हाथ था
 रावण की मर्यादा,
ओ अमर्यादित समाज देख लो सीता में था ताकत कितना,
वो स्वांस लेती भूमि के भीतर भी,
और समा जाती है भूमि के भीतर ही,
ना उन्हें राम की जरूरत अपने परिचय,
रावण की मृत्यु लिए वो अपने भाग्य मे लाई!
एक अहंकारी ब्राह्मण का लोभ क्रोध मोह,वासना का परिणाम बताने आई। #I_Hate_Ravan

निखिल कुमार अंजान

नौ दिन नौ रातें जब रहने माँ मेरे घर आएगी देख जग मे अत्याचार हिंसा कितना वो व्यथित हो जाएगी किस मुख से उसके समक्ष जाऊँगा कैसे उसको दुराचार की कथा सुनाऊँगा कन्या पूजन को लेकर भी मन मे संशय होता है मानवता को कंलकित करने वाला न जाने #Poetry #writer #हिंदी #nojoto_hindi #अंजान #मेरी_अभिव्यक्ति #safe_womens #resoect_womens

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नौ दिन नौ रातें जब 
रहने माँ मेरे घर आएगी
देख जग मे अत्याचार हिंसा
कितना वो व्यथित हो जाएगी
किस मुख से उसके समक्ष जाऊँगा
कैसे उसको दुराचार की कथा सुनाऊँगा
कन्या पूजन को लेकर भी मन मे संशय होता है
मानवता को कंलकित करने वाला न जाने
किन भावों से उन नन्हे नन्हें चरणों को धोता है
पहन संत का चोला अंदर से हवस के वश मे होता है
आजकल छोटी छोटी बच्चियों का भी शोषण होता है
कैसे माँ के आने की खुशी मनाऊँ अंदर से हृदय रोता है
रिश्तों की गरिमा को भूलकर अपनों ने बलात्कार किया है
नातेदारों ने बहन बेटी की अस्मत को तार तार किया है
नग्नता नित्त दिन अपना परचम लहरा रही है
क्यों भला समाज के ठेकेदारों की आवाज नही आ रही है
ऐसे कैसे नवरात्रि का पर्व मै बना पाऊँगा 
कोई भेजेगा भला क्यों अपनी बिटिया को ऐसे माहौल मे
कँहा से मै कन्या पूजन के लिए कन्या लाऊँगा
रोज अखबार के पन्ने इन खबरों से पटे मिल जाते हैं
आम बात हो गई है रेप होना मन मे न कोई भाव आते हैं
ज्यादा हो तो मोमबत्ती ले सड़क पर उतर आते हैं
कौन भला मुझको ये विश्वास दिलाएगा नौ दिन ही सही
मेरे शहर मे ही किसी बहन बेटी बच्ची स्त्री 
की अस्मत को नही लूटा जाएगा 
नौ दिन नौ राते जब रहने माँ मेरे घर आएगी
देख इन हालातों को क्या प्रसन्न हो जाएगी
अंजान किस मुख से उनके समक्ष जाएगा
कैसे कलयुग के राक्षसों की कथा सुनाएगा........

#अंजान....... नौ दिन नौ रातें जब 
रहने माँ मेरे घर आएगी
देख जग मे अत्याचार हिंसा
कितना वो व्यथित हो जाएगी
किस मुख से उसके समक्ष जाऊँगा
कैसे उसको दुराचार की कथा सुनाऊँगा
कन्या पूजन को लेकर भी मन मे संशय होता है
मानवता को कंलकित करने वाला न जाने

Poetry with Avdhesh Kanojia

सुन ले पाकिस्तान ........................ हम हैं भारत के वासी है हमारा शौर्य महान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। तेरे जैसा कायर कोई

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Kashmir सुन ले पाकिस्तान
........................
हम हैं भारत के वासी 
है हमारा शौर्य महान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।।

तेरे जैसा कायर कोई
नहीं है इस संसार में।
खड़ा सदा तू रहता है
भिखमंगो की कतार में।।
सिर कितना भी उठा ले तू
चाइना के उपकार में।
तुरंत ढेर तू हो जाएगा
हमारे एक प्रहार में।।
तेरे सौ सौ पर भारी है
भारत का एक जवान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।।

हम हैं भारत के वासी 
है हमारा शौर्य महान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।।1।।


जो तू देता बार बार ये
युद्ध की हमें दुहाई है।
याद तू कर ले चार बार 
तुझे हमने धूल चटाई है।।
बार बार कायरों की भाँति
तूने जब करी चढ़ाई है।
और बढ़ी है शक्ति हमारी
तूने मुँह की खाई है।।
तू ही है इस दुनिया में
आतंकवाद की खान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।।

हम हैं भारत के वासी 
है हमारा शौर्य महान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।।2।।

भौंक ले तू चाहे कितना
भारत के शेर न डरते है।
हम जैसे वीरों के समक्ष
तुझ जैसे पानी भरते हैं।।
धोखे से तो तू लड़ता है
हम वीरों जैसे लड़ते हैं।
शीश काट लेते हम हैं
तुझ जैसे यदि अकड़ते है।।
धूमिल न होने देंगे
भारत माता की शान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।।

हम हैं भारत के वासी 
है हमारा शौर्य महान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।। सुन ले पाकिस्तान
........................
हम हैं भारत के वासी 
है हमारा शौर्य महान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।।

तेरे जैसा कायर कोई

Poetry with Avdhesh Kanojia

सुन ले पाकिस्तान ........................ हम हैं भारत के वासी है हमारा शौर्य महान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। तेरे जैसा कायर कोई #कविता

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sun le pakistan सुन ले पाकिस्तान
........................
हम हैं भारत के वासी 
है हमारा शौर्य महान।
नष्ट तुझे हम कर देंगे 
तू सुन ले पाकिस्तान।।

तेरे जैसा कायर कोई

Vikrant Rajliwal

💥 आज जमाना बदल गया है मित्रों, अब किसी भी लेखक कलाकार, कवि, एवं शायर को किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी चप्पलें घिसते हुए अपने आत्मसम्मान को स्वयं अपने ही हाथो क़त्ल करते हुए किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी कला को जीवित रखने हेतु झुकने की कतई भी आवश्यकता नही है। आज ईष्वर की कृप्या से इंटरनेट जिंदाबाद है और अनेकों ऑनलाइन मंच है जहाँ से आप अपनी कला का प्रदर्शन जारी रखते हुए एक आत्मसम्मान के साथ अपनी कला को जीवित रख सकते है। हो सकता है इसमें आपको कामयाब होने में एक अरसा भी #Poetry #Internet #Freedom #wisdom #Shayari #literature #system #curruption #व्यवस्था #Vikrant #Rajliwal #भृष्ट #साहित्यिक

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 आज जमाना बदल गया है मित्रों, अब किसी भी लेखक कलाकार, कवि, एवं शायर को किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी चप्पलें घिसते हुए अपने आत्मसम्मान को स्वयं अपने ही हाथो क़त्ल करते हुए किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी कला को जीवित रखने हेतु झुकने की कतई भी आवश्यकता नही है।

आज ईष्वर की कृप्या से इंटरनेट जिंदाबाद है और अनेकों ऑनलाइन मंच है जहाँ से आप अपनी कला का प्रदर्शन जारी रखते हुए एक आत्मसम्मान के साथ अपनी कला को जीवित रख सकते है। 

हो सकता है इसमें आपको कामयाब होने में एक अरसा भी लग जाए, परन्तु मैं विक्रांत राजलीवाल आपको विशवास देता हूं कि उस एक अरसे के बाद भी आप एक बादशाह के सम्मान ही स्वयं के आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए खुद को सम्मानित महसूस कर सकेंगे। मुझ को यकीन है आपको तो यकीन है ना!

विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित।

आज ही जुड़िए मेरी ब्लॉग साइट vikrantrajliwal.com से।

Translated

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 Today, the time has changed, friends, now any writer, artist, poet and poet is not required to bow down to keep his art alive by killing his own self-esteem in front of an arrogant person.

 Today, due to the kindness of God, the Internet is alive and there are many online forums from which you can continue to showcase your art and keep your art alive with a self respect.

 It may take you an time to succeed in this, but I mean that your friend Vikrant Rajliwal gives the assurance to all of you that even after that one time you will protect your self-respect like a king.  Will be able to feel honored.  I'm sure are you sure?

 Written by Vikrant Rajliwala

 Join my blog site vikrantrajliwal.com today.

#curruption #Literature #System #भृष्ट #साहित्यिक #व्यवस्था #इंटरनेट #internet #poetry #Shayari #Vikrant #Rajliwal #freedom #wisdom 💥
 आज जमाना बदल गया है मित्रों, अब किसी भी लेखक कलाकार, कवि, एवं शायर को किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी चप्पलें घिसते हुए अपने आत्मसम्मान को स्वयं अपने ही हाथो क़त्ल करते हुए किसी भी घमंड से चूर अत्यचारी के समक्ष अपनी कला को जीवित रखने हेतु झुकने की कतई भी आवश्यकता नही है।

आज ईष्वर की कृप्या से इंटरनेट जिंदाबाद है और अनेकों ऑनलाइन मंच है जहाँ से आप अपनी कला का प्रदर्शन जारी रखते हुए एक आत्मसम्मान के साथ अपनी कला को जीवित रख सकते है। 

हो सकता है इसमें आपको कामयाब होने में एक अरसा भी

हर्षवर्धन "वशिष्ठ"

Pm Modi in ManvswildHarshpoetry #विचार

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पहले नरेश शिकार करने वनों को जाते थे
आधुनिक राजा तो पशुओं से खौफ खाते है

पर उनके मन में भी यह रुझान आया है
बेयर ग्रिल्स के साथ वनों में कदम बढ़ाया है

उन्होंने वनों को अत्यंत पास से जाना है 
पशु संरक्षण की महा अलख जगाना है

मोदीजी ने वनों में साहस और शक्ति को संजोया है
उन्होंने बेयर के समक्ष निर्भयता का बीज बोया है 

विश्वपटल पर भारत की अनुपम छवि बनाई है
भारत में स्वाभिमान की अदभूत गंगा बहाई है

भारत विश्व में आत्मसम्मान के साथ  खड़ा है
इसमें नरेंद्र जी मोदी का सहयोग ही बड़ा है 

मोदीजी man vs wild में गए पहले भारतीय हुए है
विश्व के समक्ष मोदीजी एक ऊंचे से मुकाम को छुए है Pm Modi in Manvswild#Harshpoetry

आयुष पंचोली

ब्राह्मण क्या हैं? क्या ब्राह्मण कोई जाती हैं, या वर्ण हैं, या कुछ और हैं। और हैं तो क्या हैं, जो उसे शास्त्रो मे इतना ऊंचा स्थान दिया गया..!!! ब्राह्मण जिसका अर्थ सीधे ब्रम्ह से जुडा हैं। अगर देखा जाये तो ब्राह्मण अर्थात् "ब्रह्म जानाती, इति ब्राह्मण" ऐसा कहां गया हैं, मतलब "जो ब्रम्ह को जान चुका हैं, वह ब्राह्मण हैं। जिसे ब्रह्म का ज्ञान, तत्व का ज्ञान हो चुका हैं वही ब्राह्मण हैं। पर क्या सच मे ऐसा हैं। जब सृष्टि की रचना हुई, तब सबसे पहले सप्तऋषियो को जन्म दिया गया। जिन्होने कठोर तपस्या से #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #ayuspiritual

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ब्राह्मण क्या हैं? ब्राह्मण क्या हैं? क्या ब्राह्मण कोई जाती हैं, या वर्ण हैं, या कुछ और हैं। और हैं तो क्या हैं, जो उसे शास्त्रो मे इतना ऊंचा स्थान दिया गया..!!!

ब्राह्मण जिसका अर्थ सीधे ब्रम्ह से जुडा हैं। अगर देखा जाये तो ब्राह्मण अर्थात् "ब्रह्म जानाती, इति ब्राह्मण" ऐसा कहां गया हैं, मतलब "जो ब्रम्ह को जान चुका हैं, वह ब्राह्मण हैं। जिसे ब्रह्म का ज्ञान, तत्व का ज्ञान हो चुका हैं वही ब्राह्मण हैं। 

पर क्या सच मे ऐसा हैं। जब सृष्टि की रचना हुई, तब सबसे पहले सप्तऋषियो को जन्म दिया गया। जिन्होने कठोर तपस्या से

ANURAG SINGH

मैं अक्श के समक्ष हूँ , अनेक जन है मेरे मन में , सब मे मेरा रूप है , किसको स्वीकार लूँ मैं , जो मेरा स्वरुप है , मैं खुद ही लड़ता अपने 'मैं' से , विशालकाय वृक्ष हूँ , मैं ही मेरा पक्ष हूँ ,

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 मैं अक्श के समक्ष हूँ ,
अनेक जन है मेरे मन में ,
सब मे मेरा रूप है ,
किसको स्वीकार लूँ मैं ,
जो मेरा स्वरुप है ,
मैं खुद ही लड़ता अपने 'मैं' से ,
विशालकाय वृक्ष हूँ ,
मैं ही मेरा पक्ष हूँ ,
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