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मैं मृत्तिका हूं हाँ, वही.. जिसे आधार बना ईश्वर ने

मैं मृत्तिका हूं
हाँ, वही..
जिसे आधार बना
ईश्वर ने सृष्टि को आकार दिया है...
जिसके गर्भ में रोपित हो,
प्रकृति ने विस्तार किया है...

समस्त चर अचर,
मेरे ही वृस्तृत वक्ष स्थल पर,
जीवन पाता...
और अंत में मुझमे ही
विलीन हो...मुक्त हो जाता ।

फिर तुम,
क्यों भूल गए मुझे
और मेरी अस्मिता को,

क्यों तोड़ लिया है अपने को,
इस विराट अस्तित्व से....?
कैसा यह अहंकार है...?,
आखिर कैसी यह जड़ता है...?

झुको..... और ..अर्पित हो जाओ....💐
अस्तित्व से आलिंगन को🌸🌿🌷 मैं मृत्तिका हूं
हाँ, वही..
जिसे आधार बना
ईश्वर ने सृष्टि को आकार दिया है...
जिसके गर्भ में रोपित हो,
प्रकृति ने विस्तार किया है...

समस्त चर अचर,
मैं मृत्तिका हूं
हाँ, वही..
जिसे आधार बना
ईश्वर ने सृष्टि को आकार दिया है...
जिसके गर्भ में रोपित हो,
प्रकृति ने विस्तार किया है...

समस्त चर अचर,
मेरे ही वृस्तृत वक्ष स्थल पर,
जीवन पाता...
और अंत में मुझमे ही
विलीन हो...मुक्त हो जाता ।

फिर तुम,
क्यों भूल गए मुझे
और मेरी अस्मिता को,

क्यों तोड़ लिया है अपने को,
इस विराट अस्तित्व से....?
कैसा यह अहंकार है...?,
आखिर कैसी यह जड़ता है...?

झुको..... और ..अर्पित हो जाओ....💐
अस्तित्व से आलिंगन को🌸🌿🌷 मैं मृत्तिका हूं
हाँ, वही..
जिसे आधार बना
ईश्वर ने सृष्टि को आकार दिया है...
जिसके गर्भ में रोपित हो,
प्रकृति ने विस्तार किया है...

समस्त चर अचर,

मैं मृत्तिका हूं हाँ, वही.. जिसे आधार बना ईश्वर ने सृष्टि को आकार दिया है... जिसके गर्भ में रोपित हो, प्रकृति ने विस्तार किया है... समस्त चर अचर, #मिट्टी #yqdidi #हिंदीqoutes #विष्णुप्रिया