Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़मी छोड़कर जब जाते हैं, याद बहुत आती है तेरी याद

ज़मी छोड़कर जब जाते हैं, याद बहुत आती है तेरी
याद बहुत आती है,याद बहुत आती है

आंखों में समन्दर लेकर,रखकर पहाड़ दिलो पर
चले जाते हैं अंजान शहर में पहुंचने बुलंदियों पर
करने माँ बाप का नाम रौशन, छोड़ देते हैं घर बार
बिछड़ता है यादों का संसार जिंदगी की राह में इस बार
रहता हूं तुमसे दूर खलती है तेरी कमी
याद बहुत आती है तेरी, याद बहुत आती है


माँ बाप भी छूट जाते हैं, जिंदगी की इस राह पर
चाहता हूँ मिलना मगर मिल नहीं सकता मिलता हूँ तो केवल सपनों के पर्दों पर
घर पर शहर सपना लगता था, शहर में घर सपना लगता है
और अब सपनों में घर का संसार सपना लगता है
कैसे बताऊं दिल का हाल ऐ अमीर-ए-शहर
के घर की है याद सताती
याद बहुत आती है तेरी,याद बहुत आती है
याद बहुत आती है, याद बहुत आती है

©Sarveshwar Pandey #ज़मी

#gaon
ज़मी छोड़कर जब जाते हैं, याद बहुत आती है तेरी
याद बहुत आती है,याद बहुत आती है

आंखों में समन्दर लेकर,रखकर पहाड़ दिलो पर
चले जाते हैं अंजान शहर में पहुंचने बुलंदियों पर
करने माँ बाप का नाम रौशन, छोड़ देते हैं घर बार
बिछड़ता है यादों का संसार जिंदगी की राह में इस बार
रहता हूं तुमसे दूर खलती है तेरी कमी
याद बहुत आती है तेरी, याद बहुत आती है


माँ बाप भी छूट जाते हैं, जिंदगी की इस राह पर
चाहता हूँ मिलना मगर मिल नहीं सकता मिलता हूँ तो केवल सपनों के पर्दों पर
घर पर शहर सपना लगता था, शहर में घर सपना लगता है
और अब सपनों में घर का संसार सपना लगता है
कैसे बताऊं दिल का हाल ऐ अमीर-ए-शहर
के घर की है याद सताती
याद बहुत आती है तेरी,याद बहुत आती है
याद बहुत आती है, याद बहुत आती है

©Sarveshwar Pandey #ज़मी

#gaon