Nojoto: Largest Storytelling Platform
sarveshwarpandey6656
  • 10Stories
  • 568Followers
  • 224Love
    397Views

Sarveshwar Pandey

I am at Instagram and facebook insta id- sarveshwar_20_25

  • Popular
  • Latest
  • Video
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

हाथ पकड़ो क्षितिज के उस पार चलेंगे
तुमसे कुछ बात करेंगे 
अपने घर के झरोखे से 
झांकती हो तुम, देखती हो हमको, सोचती हो क्या
उस परिस्थिति का वर्णन करना तुम
तब मैं निहरूंगा तुम्हारे आंखों को, अधरों को, पलकों को
देखूंगा उस भौं को भी 
जिसकी चंचलता तुम्हे और अधिक खूबसूरत बनाती है
अपनी बात पूरी करना तुम 
फिर उसके बाद हम अपनी बात करेंगे
बातों बातों में इश्क का इजहार करेंगे
पता है स्वीकारोंगी नही हमें तुम फिर भी इश्क की इजहार करेंगे
हाथ पकड़ो क्षितिज के उस पार चलेंगे

©Sarveshwar Pandey #UskeSaath
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

जीवन के कथा में सब कुछ है
फिर भी उस कथा में वो क्या होता
होकर भी जो ना होता
और जीवन के व्यथा में सब कुछ है
फिर भी उस व्यथा में वो क्या होता
होकर भी जो ना होता
अगर ये दोनो होते एक साथ एक समय इस जीवन में
तो कथा के संग व्यथा का अलग व्यथा होता
कही पनघट की सुंदरता देख मन प्रसन्नित होता
तो कही मरघट की कुरूपता देख मन व्यथित होता
अगर ये दोनो होते पास 
तो पनघट के संग मरघट का अलग व्यथा होता 
पवन-गगन, नदियां-नहरें, धूल-मिट्टी
वैसे के वैसे रहते
पर इनमे वो क्या होता 
होकर भी जो ना होता 
कटीले रस्ते पर चलते चलते किसी चौराहे पर समथा लेता
उसी चौराहे के बाद एक पुष्पी कोमल रस्ता होता
और कटे पैरों को पुष्प के पंकेसर से सी लेता
फिर अगर किसी चौराहे के बाद 
रस्ते में फूल और कांटा एक साथ होता
तो फूल के संग कांटों का अलग मजा होता
और झूमते झूमते जिंदगी यूं कथा व्यथा के साथ काट लेता 
फिर अंतिम शय्या पर लेटे बार-बार सोच रहा होता
और किसी अधूरे ख्वाब के संताप में ये धरती छोड़ रहा होता

©Sarveshwar Pandey #booklover
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

पल-पल बदलती है दशा, हर मनुज-जीवन में सदा।
सुख-दुख आते व जाते, दिन-निशा सम सर्वदा।।
दुख का समय लगता मनुज को, तमस मानो रात है।
पश्चात् उसके सुख सुनिश्चित, वह समय ज्यों प्रात है।।

करुणार्द्र होना दुखी के प्रति, सुजन का सिद्धांत है।
पर, दुखी के प्रति सुखी होना, खलों का वृत्तांत है।।
है मनुज को अपनी तरह सब, प्राणियों को जानते।
जो कर्म परहित हेतु होता, धर्म उनको मानते।।

सदा सुख अथवा निरा दुख, किसी को मिलता नहीं।
एवम् बिना दुख के मनुज का, अहं भी गलता नहीं।।
यदि अहं है चित में कदाचित, तो विनय आता नही। 
एवम् विनय के बिना मानव, शांति-सुख पाता नही।।

इस जगत में होता वही जो, है विधाता चाहता।
फिर भी मनुज फल-प्राप्ति-हित निज,बुद्धि-बल है थाहता।।
जीवन-मरण, यश और अपयश, सभी विधि की देन है।
पर कामना-अनुरूप फल के, हेतु जन बेचैन है।।

©Sarveshwar Pandey #Books
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

जिंदगी की कश्मकश में किसी से नाराज ना होना
मिले रास्ते में दुश्मन भी तो एक बार मुस्करा देना
अगर खुदा से मांगना तो एक ही चीज को मांगना
कि मेरे सामने वाले को कभी "है से था" ना करना

©Sarveshwar Pandey #peace
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

मेरे दिल पर कोई ज़ख्म-ए-मरहम लगा दे
फिर से कोई दवा-ए-इश्क पिला दे
अगर मेरा इश्क-ए-मोहब्बत बेबुनियाद है
तो ऐ खुदा! मुझे नसीब-ए-ज़हन्नम दिला दे

©Sarveshwar Pandey #SunSet
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

ओ मैडम! अनजान हैं अजनबी नहीं
अनजान हैं अजनबी नहीं
तुमसे रिश्ता तोड़ा है दिल नहीं

©Sarveshwar Pandey #meltingdown
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

जब तुम साथ थी मेरे तो तेरे चेहरे पर मुस्कान ना था
तुम जुदा ना हो जाओ ये प्रयास तो भरपूर था
बेदर्दी सा तो कुछ ना था पर तेरे दिल में बेदर्दी का खयाल सा था
जब जुदा हुए तो तेरी मुस्कान देख कर पता चला
कि तेरे दिल में बेदर्दी का खयाल सा क्यों था

©Sarveshwar Pandey
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

#Jitnidafa
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

प्रताड़ित छोटा सा दिल

मां ने रोक टोक लगाई तो प्यार का नाम दे दिया
पति ने बंदिशे लगाई तो संस्कार का नाम दे दिया
सास ने अपनी इच्छा मारने को कहा तो परम्परा का नाम दे दिया
ससुर ने घर को कैदखाना बनाया तो उसे अनुशासन का नाम दे दिया
पति ने थोप दिए अपने सारे सपने तो उसे वफा का नाम दे दिया
ठगी सी खड़ी थी वो जिंदगी की राहों में तो उसे किस्मत का नाम दे दिया
ख़ुदा ने जो बनाया था कायनात की सबसे खूबसूरत चीज तो उसे महान कहकर छोड़ दिया

©Sarveshwar Pandey #standAlone
dd3550dca281e3bc510952055ca633ce

Sarveshwar Pandey

ज़मी छोड़कर जब जाते हैं, याद बहुत आती है तेरी
याद बहुत आती है,याद बहुत आती है

आंखों में समन्दर लेकर,रखकर पहाड़ दिलो पर
चले जाते हैं अंजान शहर में पहुंचने बुलंदियों पर
करने माँ बाप का नाम रौशन, छोड़ देते हैं घर बार
बिछड़ता है यादों का संसार जिंदगी की राह में इस बार
रहता हूं तुमसे दूर खलती है तेरी कमी
याद बहुत आती है तेरी, याद बहुत आती है


माँ बाप भी छूट जाते हैं, जिंदगी की इस राह पर
चाहता हूँ मिलना मगर मिल नहीं सकता मिलता हूँ तो केवल सपनों के पर्दों पर
घर पर शहर सपना लगता था, शहर में घर सपना लगता है
और अब सपनों में घर का संसार सपना लगता है
कैसे बताऊं दिल का हाल ऐ अमीर-ए-शहर
के घर की है याद सताती
याद बहुत आती है तेरी,याद बहुत आती है
याद बहुत आती है, याद बहुत आती है

©Sarveshwar Pandey #ज़मी

#gaon
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile