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वह स्वयं संपूर्ण संसार है पावन प्रेम-नदी के तट पर

वह स्वयं संपूर्ण संसार है

पावन प्रेम-नदी के तट पर,
आशाओं की कुटिया में रहे वो।
आजीवन हर माह, हर ऋतु में 
मंगल कामना की जाप करे वो।

अनेक प्रतिमाओं को नमन कर,
एक ही प्रार्थना सदैव करती है।
सुदूर अपने दीप के लिए,
हर मंदिर पर दीप प्रज्वलित करती है।

ईश्वर ने प्रत्येक युग में, प्रत्येक जीव में
बनाया जीवनदात्री इस पात्र को।
प्रथम श्वास से प्रथम मार्गदर्शक तक
सारथी बनी स्वयं अनादि वो।

कोसों दूर बस रहे अपने प्राणों को
अब घर के जलते दीप में ढूंढती है।
दृष्टि अटकी रहे सदैव, उस प्रकाश में
जो वृद्ध आशाओं को सुख देती है।

झोली में प्रेम का सागर भरा है।
प्रेम रहित हो जाना, ना जाने वो।
अविरल ताप में शीतल चंदन बन जाये जो
केवल निस्वार्थ प्रेम करना ही जाने वो।

वह शक्ति, वह स्नेह मूरत - ' जननी ' है।
उत्पत्ति का आधार है।
हमने पद - ' माँ ' दिया है किंतु
वह स्वयं संपूर्ण संसार है। (गीतिका चलाल) 
@geetikachalal04

©Geetika Chalal वह स्वयं संपूर्ण संसार है।

by-  गीतिका चलाल
Geetika Chalal

वह स्वयं संपूर्ण संसार है।

पावन प्रेम-नदी के तट पर,
वह स्वयं संपूर्ण संसार है

पावन प्रेम-नदी के तट पर,
आशाओं की कुटिया में रहे वो।
आजीवन हर माह, हर ऋतु में 
मंगल कामना की जाप करे वो।

अनेक प्रतिमाओं को नमन कर,
एक ही प्रार्थना सदैव करती है।
सुदूर अपने दीप के लिए,
हर मंदिर पर दीप प्रज्वलित करती है।

ईश्वर ने प्रत्येक युग में, प्रत्येक जीव में
बनाया जीवनदात्री इस पात्र को।
प्रथम श्वास से प्रथम मार्गदर्शक तक
सारथी बनी स्वयं अनादि वो।

कोसों दूर बस रहे अपने प्राणों को
अब घर के जलते दीप में ढूंढती है।
दृष्टि अटकी रहे सदैव, उस प्रकाश में
जो वृद्ध आशाओं को सुख देती है।

झोली में प्रेम का सागर भरा है।
प्रेम रहित हो जाना, ना जाने वो।
अविरल ताप में शीतल चंदन बन जाये जो
केवल निस्वार्थ प्रेम करना ही जाने वो।

वह शक्ति, वह स्नेह मूरत - ' जननी ' है।
उत्पत्ति का आधार है।
हमने पद - ' माँ ' दिया है किंतु
वह स्वयं संपूर्ण संसार है। (गीतिका चलाल) 
@geetikachalal04

©Geetika Chalal वह स्वयं संपूर्ण संसार है।

by-  गीतिका चलाल
Geetika Chalal

वह स्वयं संपूर्ण संसार है।

पावन प्रेम-नदी के तट पर,

वह स्वयं संपूर्ण संसार है। by- गीतिका चलाल Geetika Chalal वह स्वयं संपूर्ण संसार है। पावन प्रेम-नदी के तट पर, #Love #Thoughts #माँ #MothersDay #Care #poem #GeetikaChalal