तुम वो ख़्वाब हो जो पूरा हुआ नहीं, तुम वो रात हो जिसका सवेरा नहीं, मानो या ना मानो इश्क़ अब भी है सनम, ये ओर बात है कि हैं "नदी के दो किनारे हम"| तुम बरसती हुई बूँद, मैं बंजर पड़ी जमीं, तुम उगता सूरज रूहानी, मैं ढलती शाम बेमानी, चाहता तो हूँ मगर ये मुमकिन नहीं है सनम, इश्क़ तो है मगर हैं "नदी के दो किनारे हम“|| हमसफ़र होकर भी कितने दूर हैं हम #दोकिनारे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #napowrimo19