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Uvarani jaganathan
This April doesn't need the shower! #cinemagraph #coronalockdown #coronatimes #hot #shower #yqbaba #yqquotes #aprilfeelings
Vineet Sharma
"तुमसे पहले" नाचती, गाती, खेलती, कूदती, अपने ही अरमानों में झूलती, कुछ ऐसी थी ज़िन्दगी, उस पहले प्यार से पहले.. फिर सब बदल गया, जब उसके रूप से में निखर गया, मगर लडकपन का मेरा प्यार, बहुत कुछ समझा बिखर गया.. खुद को इक मुखोटे में रख जीने लगा, मैं लोगों से बस उनके जैसा हो मिलने लगा, फिर इक सुकून बन तुम आई, कितने जमाने बाद मेरी आँखे मुस्काई.. हंसते, गाते, सोते, जागते, तुम्हारी मुस्कान में खुद की खुशियाँ नापते, कुछ अनमोल साल पल में गुजर गए, इक दिन फिर तुम्हारे हाथ इन हाथों से फिसल गए.. माना झूठी थी पर मुस्कान तो थी तुमसे पहले, माना ख्वाब न थे पर टूटे भी तो न थे तुमसे पहले, माना... नहीं माना था ज़िन्दगी किसी को तुमसे पहले, तुम हो न हो.. कुछ भी नहीं है मेरे लिए तुमसे पहले|| तुमसे पहले था तो बहुत कुछ मगर तुमसे मिलने के बाद जाना वो बहुत कुछ - कुछ नहीं था... #तुमसेपहले #collab #yqdidi #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #napowrimo19 #प्यार
Vineet Sharma
वो तुझसे हुआ इश्क़, वो जज़्बातों की फेहरिश्त, वो रातों की बातें, वो शामों की मुलाकातें, वो आँखों में खोना, वो बाहों में सोना, वो नायाब सी हँसी, वो अदाएँ दिलकशी, महसूस हम इन्हें कर सके, शब्दों में मगर नहीं लिख सके.. वो दूरियों का आना, वो सपनों का टूट जाना, वो रातों को जाग बिताना, वो शामों का तन्हा हो जाना, वो आँखों पर ठहरा आँसू, वो बाहों को बस मैं तरसूं, वो तुम्हारा आखिरी फरमान, वो बिखर जाना हर अरमान, महसूस हम इन्हें भी कर सके, शब्दों में मगर नहीं लिख सके... दिल की हर बात के लिए शब्द कहाँ मिल पाते हैं। लिखना तो चाहते हैं हम, मगर नहीं लिख पाते हैं। #नहींलिखसके #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #napowrimo19
Vineet Sharma
अपनी आवाज़ को यूँ न दबाओ, अंदर-अंदर घुट न मर जाओ, लोगों की बातों में न आओ, बस अंत समय "चुपचाप गुज़र जाओ"| क्या हो तुम ये ज़माने को दिखाओ, बहरूपिया बन न ज़िन्दगी बिताओ, जो कहना है, जिससे कहना है कह जाओ, बस अंत समय "चुपचाप गुज़र जाओ"| अंधेरे को अपना साथी बनाओ, गम के प्यालों को हँस के पी जाओ, ज़िन्दगी जीने की इस कला को अपनाओ, बस अंत समय "चुपचाप गुज़र जाओ"| कोई अपना जो रूठे तो उस रूठे को मनाओ, जो तुम्हारा दिल टूटे तो दिल को समझाओ, सुनो जियो, खुश रहो, मुस्कुराओ, बस अंत समय "चुपचाप गुज़र जाओ"|| दुनिया कब सुनती है किसी की। इससे बेहतर है यही। चुपचाप गुज़र जाओ। #चुपचाप #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #napowrimo19
Vineet Sharma
"सोचा नहीं था" वक़्त यूँ हाथ से फिसल जाएगा, लम्हों का भार याद बन ठहर जाएगा, चाहते हुए भी दिल न छटक पाएगा, "सोचा नहीं था" कि अश्क ही इश्क़ हो जाएगा| मुस्कुराते चहरों को देख मुस्कुरा लेता हूँ, हर रोज़ उनको सच्ची सी झूठी मुस्कान देता हूँ, इक दिन जरूर इन आँखों से भी मुस्कुराउँगा, "सोचा नहीं था" कि अश्कों को यूँ थाम पाऊँगा| कुछ हौसला मिलता है, चाहने वालों से, कुछ जज़्बा पाता हूँ, आरोप लगाने वालों से, इक दिन देखना ये पागल करिश्मा कर दिखाएगा, "सोचा नहीं था" कि अश्क मुझे जीना सिखाएगा| #सोचानहींथा #yqdidi #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #napowrimo19 #अश्क #इश्क़
Vineet Sharma
तुम वो ख़्वाब हो जो पूरा हुआ नहीं, तुम वो रात हो जिसका सवेरा नहीं, मानो या ना मानो इश्क़ अब भी है सनम, ये ओर बात है कि हैं "नदी के दो किनारे हम"| तुम बरसती हुई बूँद, मैं बंजर पड़ी जमीं, तुम उगता सूरज रूहानी, मैं ढलती शाम बेमानी, चाहता तो हूँ मगर ये मुमकिन नहीं है सनम, इश्क़ तो है मगर हैं "नदी के दो किनारे हम“|| हमसफ़र होकर भी कितने दूर हैं हम #दोकिनारे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #napowrimo19
Vineet Sharma
अपनी खुद की आँखों से... ताकि दिल का दर्द कुछ कम हो सके, किसी और की आँखों का काजल बन चमक सकें, फिर से किसी ख़ूबसूरत इंसान से इश्क़ कर सकें, और फिर से 'किन आँखों से रोएँ' का ज़िक्र कर सकें| कभी कभी रोना तो बहुत चाहते हैं हम लेकिन आँखें जवाब दे जाती हैं। #रोएँहम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #shayari
Vineet Sharma
"बचपन का ख़्वाब था" बचपन का ख़्वाब था, अब बचपन एक ख़्वाब है, चाँद हमारे मामा थे, अब चाँद में दाग है| खेलती तब गालियाँ भी थी, अब तो सुना देखो बाग है, ये टूनटूना (mobile) हाथ में क्या आया, बचपना लगता मानो सब्जबाग है| एक सपने सी थी ये ज़िन्दगी, किलकारियाँ हर बात पे थी, अब सपना ही अफसर बना बैठा है, बचपन पे बस उम्मीदों का भार है| तुमको ये बनना है, तुमको वो बनना है, इस बनने की अंधी दौड़ में गुम संसार है, बचपन बैठा देख रहा सारा तमाशा, सोच रहा, क्या कुछ बनना ही ज़िन्दगी का सार है? बचपन का ख़्वाब था, करते रहना, जीते रहने का अरमान था, अब बेबुनियाद से ये सारे ख़यालात है, अब तो बचपन भी बस एक ख़्वाब है|| #बचपनकाख़्वाब #collab #yqdidi #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #napowrimo19 #bachpan
Vineet Sharma
After the darkness of the night, And the gleaming stars in the sky, There comes the sun with all its shine, Your face blooms in front of my eyes every time, With a far stretching smile I wake with thee, You are not here but you are there in my memory, I dip myself like a biscuit & fall in you with glee, You're like the morning tea & I dissolve in you like Parle-G.. #Collab and talk of the muse that the #morningtea is. #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Baba #yqbaba #ufvoices #vineetvicky #aprilfeelings #tea
Vineet Sharma
"अंतर्दृष्टि" (17/04/19 - 19/04/19) कल गिरे तेरे शहर में ओले, जमकर हुई वृष्टि, घटित वो शाम याद आई, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| वो ही हमारी शुरुवात थी, वो शामें जालसाज़ थी, सुहावनी थी झर-झर बरसती वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| छलक पड़े आँसू, टपकती बूंद कह गई मुझसे हमारी कहानी, इक-इक पल जो बीते बरस रहे थे संग उस वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| यायावर सा भटक रहा ये मन, रिमझिम फुहारों के संग, मटरगश्ती हर साँझ की याद दिला रही थी वो वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| लालसा तुम्हें पाने की कभी न होगी कम, मोक्ष का द्वार तुम ही हो हमदम, प्रेरणा बन चल दिए छोड़ गए अनगिनीत पलों की वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| अंतहीन दास्तान का भी अंत हुआ, 'प्रेमासक्त' बन ये ज्ञात हुआ, मोह हो तुम और माया है ये वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| "अंतर्दृष्टि" (17/04/19 - 19/04/19) कल गिरे तेरे शहर में ओले, जमकर हुई वृष्टि, घटित वो शाम याद आई, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि| वो ही हमारी शुरुवात थी, वो शामें जालसाज़ थी, सुहावनी थी झर-झर बरसती वृष्टि, रूबरू मुझसे हुई अंतर्दृष्टि|