Nojoto: Largest Storytelling Platform

उलझ रहा हूँ मैं, कैसे अपने को बाहर लाऊँ जीवन की उ

उलझ रहा हूँ मैं, कैसे अपने को बाहर लाऊँ 
जीवन की उलझन को कैसे ? मैं सुलझाऊँ

संग  चलता है कोई, कोई पीछे रह जाता है 
साथ-साथ चलने का ये  हुनर कैसे मैं पाऊँ 

अभिलाषा अनगिनत 'मन' करता रहता है 
इनमें से 'जीवन' का सच कैसे ? जान पाऊँ 

रिश्तों की उलझन है, है कर्मों का बंधन यहाँ 
'जीवन'  को सार्थक  कैसे ? आज मैं बनाऊँ 

दर्द बेहिसाब है, सुकून की 'छाया' कहीं नहीं 
दुःख व दर्द में  कैसे ? सुकून को मैं ढूँढ पाऊँ #restzone #rztask68 #rzलेखकसमूह #उलझन #उलझनें_जिंदगी_की #जिंदगी #अल्फाज_ए_कृष्णा
उलझ रहा हूँ मैं, कैसे अपने को बाहर लाऊँ 
जीवन की उलझन को कैसे ? मैं सुलझाऊँ

संग  चलता है कोई, कोई पीछे रह जाता है 
साथ-साथ चलने का ये  हुनर कैसे मैं पाऊँ 

अभिलाषा अनगिनत 'मन' करता रहता है 
इनमें से 'जीवन' का सच कैसे ? जान पाऊँ 

रिश्तों की उलझन है, है कर्मों का बंधन यहाँ 
'जीवन'  को सार्थक  कैसे ? आज मैं बनाऊँ 

दर्द बेहिसाब है, सुकून की 'छाया' कहीं नहीं 
दुःख व दर्द में  कैसे ? सुकून को मैं ढूँढ पाऊँ #restzone #rztask68 #rzलेखकसमूह #उलझन #उलझनें_जिंदगी_की #जिंदगी #अल्फाज_ए_कृष्णा