भ्रष्टाचार की जड़े जम गई है गहरी, रुपयों के लिए बिक गए सब लोकतंत्र के प्रहरी, सब ताकत का खेल है,पैसों की है माया, आज वही बलवान है,जिसने अधिक कमाया, देशभक्त जो बनना है,करो रिश्वत का विरोध, विकास पथ की राह में,बने यही अवरोध, माता पिता का फ़र्ज़ है,बच्चों को समझाएं, रिश्वत लेने से अच्छा,भूखे ही रह जाए, भ्रष्टाचार का नाग है,बैठा फन फैलाए, जो मारे इस नाग को,वहीं कृष्ण कहलाए भ्रष्टाचार