आपके एहसास सुकून मिलता है माँ के आँचल में,क्या ये जन्नत से कम थोड़ी है, सुकून मिलता हे शिवा!तेरे दर पर, जो हरिद्वार की हर पौड़ी है, अनन्त भाव की अनुभूति है,हर अनुभूति में मात्र शांति का भाव है, मृत इंसानियत भी चेतन हो जाये जब मूक से कर लेती वो लगाव है, मात्र एक सुकून की तलाश में हर प्राणी दर दर भटकता रहता है, बस ध्यान व एकाग्रचित्त मन हो तो वह सुकून भी तुझमे ही बसता है, लौट आओ उन सुनी अ-संज्ञान व अ-पथिक सम उलझी सी राहों से, संसार के परे नही,यही है सुकून जो देखो तुम नेक,खुद्दार निग़ाहों से। आपका आज का टॉपिक है "सुकून" •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ✍🏻✍🏻Collab करने के बाद done जरूर लिखे✍🏻✍🏻👍 ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••