प्रिय हवा, आशा है इन विपरित परिस्थितियों में भी तुमने अपनी सकारात्मक सोच पर किसी को अंकुश ना करने दिया होगा! तुम सबको समान नज़र से देखती हो, तुम्हारी यह खूबी मुझे बहुत पसंद है..! मैं जानता हूँ तुम इस पत्र को पाकर बहुत अच्छा अनुभव करोगी..! इस पत्र में, मैं यह कहना चाहता हूँ कि जब जब घंटों की लाइट चले जाने के बाद आती है, लोग हवा का पहला स्पर्श पाते ही कितने मंत्रमुग्ध हो जाते है, तुम ना जाने कितने दिलों की अजीज हो, कितने लोग तुम्हें बेइंतहा इश्क़ करते हैं और इश्क़ करने वाले अपने महबूब को तुम्हारे द्वारा संदेश भेजते हैं, तुम, तुम्हारी छुअन, तुम्हारा प्यार सब सुकून है, सब आनंद है..! जावेद साहब जब कहते हैं कि - ऐ गुजरने वाली हवा बता मेरा इतना काम करेगी क्या मेरे गाँव जा मेरे दोस्तों को सलाम दे..