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जय श्री कृष्ण ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust इस

जय श्री कृष्ण

©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust इस साल होलिका दहन 17 मार्च को होगा और उसके अगले दिन यानी 18 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी. माना जाता है कि अगर आप दरिद्रता से मुक्ति

पाना चाहते हैं, तो इस दिन शरीर पर उबटन लगाकर उसके अंश को होलिका में डालें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आने के साथ गरीबी भी दूर होती है। लेकिन होलिका दहन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं ताकि कोई परेशानी न

आए। होली पूजा शाम में और दहन रात में

होली पूजन प्रदोष काल यानी शाम को करने का विधान है। इसलिए शाम 6 से 7.30 तक होली की पूजा की जा सकती है। विद्वानों का कहना है कि प्रदोष काल में भद्रा के रहते हुए पूजा तो कर सकते हैं, लेकिन होलिका दहन भद्रा दोष खत्म होने के बाद करना चाहिए। पहले भगवान नरसिंह और बाद में होलिका पूजा
जय श्री कृष्ण

©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust इस साल होलिका दहन 17 मार्च को होगा और उसके अगले दिन यानी 18 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी. माना जाता है कि अगर आप दरिद्रता से मुक्ति

पाना चाहते हैं, तो इस दिन शरीर पर उबटन लगाकर उसके अंश को होलिका में डालें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आने के साथ गरीबी भी दूर होती है। लेकिन होलिका दहन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं ताकि कोई परेशानी न

आए। होली पूजा शाम में और दहन रात में

होली पूजन प्रदोष काल यानी शाम को करने का विधान है। इसलिए शाम 6 से 7.30 तक होली की पूजा की जा सकती है। विद्वानों का कहना है कि प्रदोष काल में भद्रा के रहते हुए पूजा तो कर सकते हैं, लेकिन होलिका दहन भद्रा दोष खत्म होने के बाद करना चाहिए। पहले भगवान नरसिंह और बाद में होलिका पूजा