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शुष्क हो गई सुषमा की ऊष्मा किरण मत बैठ भुलावे में

शुष्क हो गई सुषमा की ऊष्मा किरण मत बैठ भुलावे में
जाने कैसे खुश्क हो गई खासियत उसकी जान हमारे बारे में 

सुधा छोड़ बुलाने का चस्का उसे रास नहीं आता अब तो
मै इससे या वो मुझसे कम ज्यादा की नाप तौल में उलझी वो

हम देसी दिलवाले बन दूर तलक बह निकले हैं
शहरी शान दिखावे भर के खुद में सिमटे रहते हैं 

भाईचारे में घुल मिल बैठने का हुनर देसी ही लगता बेहतर
थ्योरी से प्रैक्टिकल हमेशा ही रहता है आगे निकल कर

दूर तलक चलने की ललक कुछ कर गुजरने की तड़प
केवल उनमें होती है रह जातें हैं जो बहुत पीछे छूट कर
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla
  ऊष्मा

ऊष्मा #शायरी

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