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मैं जिधर चला चलता ही गया मुश्किलों से कभी डरा ही न

मैं जिधर चला चलता ही गया
मुश्किलों से कभी डरा ही नहीं
मौत हर रास्ते पर मिलेगी दोस्त
और कोई राह बचा ही नहीं
मैं तो सफ़र का ही रहा हूं जानें कब से,
कहीं ठहर जाऊं
ऐसा कोई शख्स मिला ही नहीं

©Nikhil Kumar #yun_hi 
Ruhi mannu nagar  Ashi Writes  Asha...#anu
मैं जिधर चला चलता ही गया
मुश्किलों से कभी डरा ही नहीं
मौत हर रास्ते पर मिलेगी दोस्त
और कोई राह बचा ही नहीं
मैं तो सफ़र का ही रहा हूं जानें कब से,
कहीं ठहर जाऊं
ऐसा कोई शख्स मिला ही नहीं

©Nikhil Kumar #yun_hi 
Ruhi mannu nagar  Ashi Writes  Asha...#anu