शीर्षक- छेड़ता है मुझको यशोदा मैया --------------------------------------------------------------- (शेर)- करता है बहुत परेशान, सुन ओ यशोदा मैया। राहों में आते जाते मुझको, तेरा नटखट कन्हैया।। ------------------------------------------------------------ छेड़ता है मुझको यशोदा मैया। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। परेशान राहों में, करता है मुझको। पनघट पर जाते, देखकर मुझको।। कंकर मारकर, फोड़े मेरी मटकी। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। जहाँ मैं जाती हूँ, वहाँ यह आता है। नहाते समय, मेरे कपड़े चुराता है।। माखन खाये मेरा, चुपके से आकर। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। अपनी मुरली पर यह, मुझको नचाये। सोने नहीं देता यह, मुझको जगाये।। मेरी राधा कहकर, मुझको पुकारे। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #छेड़ता है मुझको यशोदा मैया