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कभी चलो दरिया के किनारे, एक दूजे की बाहों में शाम

कभी चलो दरिया के किनारे, 
एक दूजे की बाहों में शाम गुजारें... 
कब तलक दुनिया की सोच लिये, 
हम तरसे मिलने के लिये?

©Rakhi Anamika
  किनारे
rakhisinha1608

Rakhi Anamika

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किनारे #शायरी

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