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हम तड़पते रहें, तुम सताते रहो | फिर भी नज़रों से,

हम तड़पते रहें, तुम सताते रहो |
फिर भी नज़रों से, नज़रें मिलाते रहो ||

रास्ते में मिलो, जो कभी इत्तफाकन |
देखकर तुम यू ही, मुस्कुराते रहो ||

रब ने तुमको सबारा, बड़े नाज़ से |
बिजलियां यू ही सब पे, गिराते रहो ||

देखकर तुमको गलियों के, भवरे फिदा हैं |
अपना दामन सभी से, बचाते रहो ||

अर्श की ये गज़ल है, तेरे वास्ते |
अपने होठों पे, इसको सजाते रहो ||

लेखक:-मनीष श्रीवास्तव (अर्श) 
गैरतगंज 
मो.9009247220

©Manish  Shrivastava हम तड़पते रहें, तुम सताते रहो.गज़ल
हम तड़पते रहें, तुम सताते रहो |
फिर भी नज़रों से, नज़रें मिलाते रहो ||

रास्ते में मिलो, जो कभी इत्तफाकन |
देखकर तुम यू ही, मुस्कुराते रहो ||

रब ने तुमको सबारा, बड़े नाज़ से |
बिजलियां यू ही सब पे, गिराते रहो ||

देखकर तुमको गलियों के, भवरे फिदा हैं |
अपना दामन सभी से, बचाते रहो ||

अर्श की ये गज़ल है, तेरे वास्ते |
अपने होठों पे, इसको सजाते रहो ||

लेखक:-मनीष श्रीवास्तव (अर्श) 
गैरतगंज 
मो.9009247220

©Manish  Shrivastava हम तड़पते रहें, तुम सताते रहो.गज़ल

हम तड़पते रहें, तुम सताते रहो.गज़ल #शायरी