पहनी है हर किसीने बेमिसाल साड़ियाँ लगती हैं सबके तनपे बाकमाल साड़ियाँ हर छत पे कई चाँद खुले घूम रहे हैं पहनी हैं भाभियों ने लाल-लाल साड़ियाँ --प्रशान्त मिश्रा लाल लाल साड़ियाँ